शनिवार, 12 जुलाई 2014
ऑक्सफ़ोर्ड और श्रीमद्भगवद गीता
ऑक्सफ़ोर्ड और कैंब्रिज ब्रिटेन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में शिक्षा के प्रमुख केन्द्रों में से एक हैं. मुझे याद नहीं है कि कैसे मैंने पहली बार जाना था की ऑक्सफ़ोर्ड स्थित OCHS के बारे मे। यह है- ऑक्सफ़ोर्ड सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज।
इस साल मैंने भगवद गीता के अध्ययन का चुनाव किया है. यहाँ थोड़ा फर्क है की आप गीता का अध्ययन सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि शैक्षणिक विश्लेषक के दृष्टिकोण से कर रहे होते हैं.
सोमवार, 27 जनवरी 2014
सरदार -- तुर्की नाई
साल से ऊपर हो गया जब हम पूर्वी लन्दन के ईस्ट हैम से घर बदल कर बार्किंग आ गए थे। अगर मैं कहूँ कि साल भर से जयादा हो गया है और मैं किसी नाई की दुकान पर नहीं गया तो आप हैरान होंगे और यह भी सोच सकते हैं कि मैं सिख/ सरदार जी तो न हो गया।
बार्किंग में नया ठिकाना |
नन्हे मियाँ के भी बाल घर पर ही कटते रहे। पर अब लगने लगा था कि यह सही नहीं है औए शायद उसे भी एहसास होने लगा था कि उसके बाल कटाई में वो बात नहीं जो उसके कई साथियों में।
खैर पिछले सप्ताह से ही उसका उत्साह बना था कि आने वाले रविवार को स्विमिंग पूल और barber के पास जाना है।
सुबह तरणताल ले जाने का वादा निभाकर मैं थक कर सो गया था। जब जागा तो चार से ज्यादा बज चुका था और दिन का उजाला अब थोड़े समय का मेहमान था।
मैं और सम्यक - छोटे मियां - झट पट निकल पड़े एक अदद नाई की खोज में। बार्किंग नगर केंद्र ( सिटी सेंटर ) के पास कार पार्क की और पैदल चले अपनी खोज पर। शीघ्र ही एक दूकान दिखी - पर उसमे काटने और कटवाने वाले सभी एफ्रो- कैरिबियन मूल के थे और मुझे लगा कि थोडा और देख लूं - अगर न कुछ मिला तो यहीं वापस आ जाऊँगा। मगर फिर जल्दी ही एक और दूकान दिखी जो शायद एशियाई या ईस्ट यूरोपियन हो ऐसा लगा। हमने इसकी सेवा लेने का निर्णय कर अंदर चले आये।
बातों बातों में पता चला कि नाइ जी टर्की मूल के हैं. मैं उनके काम और उसके प्रोफेशनलिज्म से बहुत प्रभावित था। पता चला कि वो होमोर्टन हॉस्पिटल के आईटी विभाग में भी काम करते हैं और बचे समय में अपने खानदानी व्यवसाय में भी हाथ बटाते हैं- हर रोज़- शाम के ६ के बाद और शनिवार/ रविवार को और भी लम्बे समय के लिए।
मैंने यह जताने के लिए कि मुझे टर्की के बारे में ज्ञान है मैंने पूछा क्या आप अंकारा से हैं? और उनका जवाब था नहीं फिर उन्होंने एक दुसरे शर का नाम बताया जो मुझे अब याद नहीं है पर वो शार टर्की और सीरिया की सीमा पर है. फिर थोड़ी बात सीरिया के मौजूदा हालत पर भी निकल आई। पर ज्यादा बढी नहीं।
मैंने पूछा - क्या टुर्की भाषा अरबी से मिलती जुलती है है ? तो उनका जवाब था "नहीं- बल्कि यह लैटिन के ज्यादा करीब है। हम अरबी लोगो पर यकीन नहीं कर सकते। तुर्की नेता कमाल अत तुर्क ने अरबी जुबा और उसके पूरे तहज़ीब पर रोक लगा दी थी - और अब हालांकि कुछ कोशिश होती है कि फिर से टर्की में फिर से अरबी तहज़ीब को बढ़ावा मिले पर इसे कोई खाद समर्थन नहीं मिल रहा। "
इनका जवाब मेरी आशा के विपरीत था.
मैंने उनका नाम पुछा तो जवाब था-"सरदार". मुझे हैरानी हुई और कहा कि हमारी जुबान में इसका मतलब लीडर होता है तो उन्होंने कहा "मुझे मालूम है भारत के "सरदार जी" बारे मे।" और पता चला कि तुर्की भाषा में भी सरदार का मतलब कमांडर ही होता है। तो सरदार शब्द तुर्की भाषा से हिंदी में सामिल हुआ है!
फिर एक और मज़ेदार अनुभव हुआ। उसने एक छोटी सी मशाल जैसी चीज़ निकाली, उसे स्पिरिट में डुबाया - मैं हैरानी से देख रहा था। उसने उसमे आग लगाई और गर्म लौ से कान के बालों को झुलसाने लगा। यह एक नया तजुर्बा था - हैरानी भरा और सुखद - सर्द मौसम में उष्म अनुभव। फिर मिलने का वाद कर हम विदा हुए।
चलते चलते सम्यक ने उसे लोल्ली देने के वादे की याद दिलाई और अपना पुस्कार पा खुशी खुशी उमंग भरे क़दमों से बाहर निकल आया।
नीचे दिया लिंक आपको भी इस तुर्की इल्म का एहसास देगा
http://www.youtube.com/watch?v=F3z6_kz_wOU
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