अनंत पई, का ८१ वर्ष कि उम्र में देहावसान हो गया।
हमारी पीढ़ी के कई लोग अमर चित्र कथा को पढ़ते हुए बड़े हुए होंगे। यह चित्र कथा अनंत पई कि कृति थी।
बचपन में अमर चित्र कथा हमारे मन पर एक जादू सा था। सोचता था कि बड़ा हो कर किसी किताब के दूकान पाद काम करूं और दिन भर इन कोमिक्स को पढता रहूँ। ऐसा हो नहीं पाया। मेरा जीवन जिन कुछ चीजों से बेहद गहरे तौर पर प्रभावित हुआ है उसमे अमर चित्र कथा निश्चय ही एक है। अगर अनंत पई जी कि अमर चित्र कथा न होती तो शायद दुनिया और भारत को मेरे देखने का नजरिया काफी अलग होता।
आज मन अनंत जी को एक शिष्य वत श्रद्धा सुमन अर्पित करता है।
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अनंत जी को आत्मिक श्रद्धांजलि!!!
जवाब देंहटाएंभावपूरित श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएंचलिए, कोई तो है जिसे दिल बच्चा होने पर आपत्ति नहीं लेकिन...
जवाब देंहटाएंविनम्र श्रद्धांजलि।
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